कहानी जीवन के सफर की : Tribute to My Grandfather
भारत का स्वतंत्रता दिवस और दिवस 15 अगस्त 1947 की प्राप्ति में कितने स्वतंत्रता संग्राम वीरों का योगदान रहा है यह संख्या निर्धारित करना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है क्यों की कितने वीरों ने किस किस रूप में कहाँ कहाँ से किस किस प्रकार से योगदान दिए इसका निर्णय काल चक्षु के सिवाय किसी की दृष्टि में नहीं आया होगा इसी प्रकार के एक स्वतंत्रता संग्राम वीर का जन्म 02/जनवरी/1918 को पंजाब के अजनोहा ग्राम में जमुना दास जोशी के यहां उनके बड़े पुत्र के रूप में हुआ, बचपन से ही अपने पैतृक गांव से दूर अपने ननिहाल में पढ़ाई पूर्ण की, बचपन में गांव में खेलते हुए किसी अंग्रेजी चाय कंपनी के कर्मचारी को गांव में मुफ्त में चाय पिलाता देख इस बालक के मन में ये ही ख्याल आया कि कितना भला और नेक काम किया जा रहा है, सही भी है कम उम्र में हम मार्केटिंग के ये दांव पेंच नहीं समझते और खासकर की अंग्रेजी कंपनियां जो मार्केटिंग में निपुण हैं, उनके ये दांव पेंच समझना एक छोटे बालक के लिए मुश्किल था। अपने ननिहाल से थोड़ी दूरी पे पाष्टा ग्राम में पढ़ने के लिए जाना होता था। दसवीं तक पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई...